बचपन की यादें (bachpan ki yaaden )
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
* * * * * *
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बचपन की यादें (bachpan ki yaaden ) |
बीत गया जो बचपन का हसीन वक्त माँ,
मैं उसे फिर से जीना चाहता हूँ,
मैं उस तनावमुक्त महोल के,
सुख का रस फिर से पीना चाहता हूँ माँ,
हर दिन स्कूल ना जाने का ,
ढूंढना कोई नया बहाना,
तुम्हारे प्यारे -प्यारे हाथों से,वो मार खाना,
मुझे बहुत याद आता है माँ,
तुम्हारा वो हाथ पकड़कर,
मुझे स्कूल छोड़कर आना,
दिल लगाकर पड़ना,
नज़रें झुका कर खडना,
तुम्हारा ये समझाना,
मुझे बहुत याद आता है माँ,
तुम्हारे सीने पर सर रखकर,
सोने का हक मुझे कब तक रहेगा,
एक बार मुझे ये बता दें माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
* * * * * *
माँ स्कूल के नए -नए किस्से,
हर दिन मेरा घर आकर बताना,
तुम्हारी गोद में बैठकर खाना,
सब कितना प्यारा लगता था ,
स्कूल में हर रोज के ,
छोटे -मोटे झगड़े होना,
हर सुबह देर तक सोना,
सब कितना प्यारा लगता था ,
मेरा छोटी-छोटी बातों पर जिद्द करना,
तुम खुद रूठकर मुझे मना लेती थी,
कितने प्यारे पल थे वो,
माँ स्कूल में बिताया वो बचपन,
ना कोई अपना ना कोई पराया,
हर एक के साथ था,
एक अलग ही अपनापन,
मेरी फिर से नज़र उतार दे माँ,
उठाकर मिट्टी धरती माँ से,
मेरे सर से फिर से घूमादे माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मुझे याद आता है वो बचपन का स्कूल जाना,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
* * * * * *
जब मैं स्कूल गया था पहली बार माँ,
बिन तेरे कैसे गुजरा था मेरा वक्त,
एक अलग महोल में एक-एक पल बिताना,
मेरे लिए बहुत मुश्किल था पहली बार माँ,
ये खट्ठे-मीठे अनुभव जीवन के,
बहुत कुछ सिखा देते हैं,
माँ के प्यार की कीमत क्या है ,
जीवन में हमारे ये हमें बता देते हैं,
स्कूल से सीखा है मैंने,
छोटे-बड़े की लिहाज करना,
मुझे संस्कार मिले हैं माँ तुम्हारी कोख से,
तेरा हक बनता है माँ,
मेरी कामयाबी पर नाज करना,
तुम खड़ी हो हर पल साथ मेरे,
अपने हाथों में थाम लो फिर से हाथ मेरे,
अपने प्यार वाला टीका,
फिर से मेरे गालों पर लगादे माँ,
मेरी सोई किस्मत एक बार जगा दे माँ,
थोड़ा-थोड़ा फिर से मुस्करा दे माँ,
मुझे याद आता है वो बचपन का स्कूल जाना,
मेरे हाथों में स्कूल का बस्ता फिर से थमा दे माँ,
* * * * * * *
creater-राम सैणी
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